नाकों चने चबवाना, मुहावरा बहुत तंग करना उसकी पत्नीच उसे नाकों चने चबवाती है।
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इसके लिए अवाम को खुद ही अपने जनतांत्रिक अधिकारों को चुनाव से आगे बढ़कर समझना होगा और इन सफेदपोश भेड़ियों को भी नाकों चने चबवाना होगा।
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सच में जब तक रक्त खुद इन नारियों या हम सब के रगों में यों नहीं दौड़ेगा ऊर्जा नहीं भरेगा कौन कब तक सहारा बनेगा सब को आगे आना होगा और एक जुट हो इन को नाकों चने चबवाना होगा..